‘फेक न्यूज’ पर चौतरफा निंदा के बाद पीएम मोदी ने पलटा स्मृति ईरानी का फैसला, कहा- वापस लें दिशा-निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के उस फैसले को पलट दिया है। सोशल मीडिया पर पत्रकारों और विपक्षी नेताओं द्वारा आलोचनाओं के बाद प्रधानमंत्री ने ‘फेक न्यूज’ चलाने पर कार्रवाई करने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के मंत्रालय द्वारा जारी विवादित आदेश को वापस लेने का आदेश दिया है। अब फेक न्यूज के मामले में आरोपी पत्रकारों पर कार्रवाई का जिम्मा प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) पर छोड़ दिया गया है। बता दें कि सरकार ने ‘फेक न्यूज़ यानी फर्जी खबरों’ को लेकर बड़ा फैसला लेते हुए प्रेस अधिमान्यता नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिसके तहत अब फेक न्यूज़ देने पर स्थाई रूप से पत्रकारों की मान्यता जा सकती है।

Thank you for withdrawing the draconian attempt by to gag the press but now you need to examine how such policies get notified … was it just the whim of one minister? And the bad law, on trading in cattle, has still not been withdrawn by your govt

सागरिका घोष
फेक न्यूज पर सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस को वापस लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अस्तित्व में रहने का कोई कारण नहीं है। एक लोकतंत्र को सूचना के ‘मंत्रालय’ की क्या जरूरत? इसे तत्काल बंद कर दिया जाना चाहिए और यहां काम करने वालों को कहीं और काम पर रखना चाहिए।

The I&B Ministry has no reason to exist. Why does a democracy need a “Ministry” of Information? It should be immediately shut down and its work force gainfully employed elsewhere.

निखिल वागले
सरकार द्वारा फेक न्यूज पर जारी गाइडलाइंस को वापस लिए जाने के पूरे प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “पीएम मोदी स्मृति ईरानी को फेक न्यूज सर्कुलर वापस लेने के लिए कहते हैं। उसका क्या अर्थ है? क्या स्मृति ने यह फैसला पीएमओ से बिना मशविरा किए लिया था? या प्रधानमंत्री इसे एक प्रयोग का मामला बनाना चाहते थे।”

 

 

PM Modi asks to withdraw fake news circular. What does that mean? Smriti did this without consulting PMO? Or PM wanted to make it a test case?

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के उपाय के तहत सरकार ने सोमवार (2 अप्रैल) को कहा कि अगर कोई पत्रकार फर्जी खबरें करता हुआ या इनका दुष्प्रचार करते हुए पाया जाता है तो उसकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है। इस फैसले का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हो रहा है। जिसके मद्देनजर पीएम मोदी ने खुद इस विवादित आदेश को वापस लेने का आदेश दिया है।

 

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