चीन की मिसाल-ए-तानाशाही : शी जिनपिंग जीवन भर चीन के राष्ट्रपति बने रहने सकते हैं

Chinese President Xi Jinping speaks during a joint press briefing with French President Emmanuel Macron, not shown, at the Great Hall of the People in Beijing, China January 9, 2018. REUTERS/Mark Schiefelbei/Pool

चीन की राजनीति में एक बड़ा बदलाव हुआ है। चीन की संसद ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए महज दो कार्यकाल की अनिवार्यता को रविवार को दो-तिहाई बहुमत से खत्म कर दिया। अब देश के मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए जिंदगी भर शीर्ष पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। चीन में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के करीब 3,000 सांसदों में से दो-तिहाई बहुमत ने दो कार्यकाल की अनिवार्यता को खत्म करने के पक्ष में वोट किया.

secures lifetime presidency as lawmakers abolish term limits

फिलहाल शी का पांच साल का दूसरा कार्यकाल चल रहा है. गौरतलब है कि पिछली अधिकतम दो कार्यकाल की अनिवार्यता वाली प्रणाली में शी शासन के 10 साल पूरे होने के बाद 2023 में सेवानिवृत्त होते. पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष माओ त्से तुंग के बाद पिछले दो दशक से पार्टी के नेता दो कार्यकाल की अनिवार्यता का पालन करते रहे थे ताकि तानाशाही से बचा जा सके और एक दलीय राजनीति वाले देश में सामूहिक नेतृत्व सुनिश्चित किया जा सके. लेकिन संसद में रविवार को संविधान संशोधन पारित होने के साथ ही यह दोनों परंपराएं समाप्त हो गयीं.

मतदान से पहले एनपीसी के अध्यक्ष झांग देजिआंग ने अपनी कार्य रिपोर्ट में कहा था, ‘‘एनपीसी की स्थाई समिति का प्रत्येक सदस्य संविधान में संशोधन की मंजूरी देता है और उसका समर्थन करता है.’’ माओ के बाद शी को देश का सबसे मजबूत नेता माना जाने लगा है क्योंकि वह सीपीसी और सेना दोनों के प्रमुख तथा देश के राष्ट्रपति हैं.

 

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