शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की समाधि की प्रक्रिया शुरू, लाखों लोगों ने किए अंतिम दर्शन, विजयेंद्र होंगे नए शंकराचार्य

कांचीपुरम: कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आज सुबह शंकर मठ परिसर में उनके परिजन की मौजूदगी में शुरू हुई। जयेंद्र सरस्वती को महासमाधि दी गई। वे अपने दौर के सबसे प्रभावशाली आध्यात्मिक नेताओं में से एक थे। जयेंद्र सरस्वती का बुधवार सुबह यहां निधन हो गया था। अंतिम धार्मिक संस्कार की प्रकिया जिसे वृंदावन प्रवेशम कहा जाता है, अभिषेकम अथवा स्नान के साथ शुरू हुई। अभिषेकम के लिए दूध एवं शहद जैसे पदार्थों का इस्तेमाल किया गया। अभिषेकम की प्रक्रिया विजयेंद्र सरस्वती तथा परिजन की मौजूदगी में पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मठ के मुख्य प्रांगण में हुई। मठ के एक अधिकारी ने कहा कि जयेंद्र सरस्वती का पाॢथव शरीर बाद में वृंदावन उपभवन ले जाया जाएगा।
https://twitter.com/ANI/status/969016004054536192
वहीं उनके पूर्ववर्ती  चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती के अवशेष वर्ष 1993 में रखे गए थे। वृंदावन उपभवन में उनके पार्थिव शरीर को समाधि देने की प्रक्रिया पूर्वाह्न करीब 11 बजे संपन्न होने की उम्मीद है। तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और इस प्रक्रिया का हिस्सा बने। कड़ी सुरक्षा के बीच सम्पन्न हो रहे अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु एवं अनुयायी मौजूद हैं। बुधवार को तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, राज्य के शिक्षा मंत्री के ए सेंगोतैयां एवं अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों समेत करीब एक लाख से अधिक लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। बता दें कि बुधवार सुबह जयेंद्र सरस्वती ने अंतिम सांस ली।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*