इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि मराठी के विवादास्पद नाटक ‘मी नाथूराम गोडसे बोलतोय’ पर आधारित है जिस नाटक का मंचन हुआ है उसमें महात्मा गांधी की ‘ छवि ख़राब कर के पेश की गई, उन्हें विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और उनकी हत्या को सही बताया गया.’
छात्रों ने अपनी शिकायत में कहा है, ‘देश के संवैधानिक मूल्यों को चोट पहुंचाने वाले कार्यक्रम की इजाजत किस को नहीं दी जा सकती है? यह किसी बड़ी साजिश का संकेत लग रहा है. अदालत से मौत की सजा पा चुके आतंकी गोडसे को महिमामंडित कहना देश की एकता और गरिमा को चोट पहुंचाने वाली बात है वाराणसी के लंका थाने के थानाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने बताया कि उन्हें इस बारे में शिकायत मिली है. सोशल मीडिया में इस नाटक के मंचन का एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद शिकायत दर्ज कराई गई. छात्रों ने शिकायत की है कि प्रतिबंधित साहित्य पर आधारित एक नाटक का मंचन हुआ है छात्रों ने इसकी शिकायत बीएचयू के प्रॉक्टोरियल बोर्ड से की है. बीएचयू कला विभाग के डीन श्रीनिवास पांडे ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के अनुसार पांडे ने कहा, ‘ऐसे प्रस्तुतीकरण में कुछ भी गलत नहीं है. हमें सभी लोगों का सम्मान करना चाहिए, वे हमारे महापुरुष हैं.
Be the first to comment