लोकसभा चुनाव 2019: एनआईए कोर्ट का प्रज्ञा के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इनकार, फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ा

एनआईए कोर्ट ने भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। एनआईए अदालत ने कहा कि उसके पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कोई कानूनी अधिकार नहीं है, यह तय करना निर्वाचन अधिकारियों का काम है।

मालेगांव बम धमाकों की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बड़ी राहत मिली है. मुंबई की एनआईए कोर्ट ने चुनाव लड़ने से रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है. मुंबई की एनआईए कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने कहा कि दायर याचिका में शिकायतकर्ता ने अपना हस्ताक्षर ही नहीं किया है.

शिकायतकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी गई है, लेकिन वह टीवी पर इंटरव्यू देते दिखाई दे रही हैं. साध्वी ने एक इंटरव्यू में अपने इलाज के बारे में भी दावा किया है.

इस पर साध्वी के वकील जेपी मिश्रा ने कहा कि उनकी मुवक्किल इलाज करा रही हैं. उनकी स्थिति में सुधार हुआ है. एक डॉक्टर हमेशा उनके साथ रहता है. वह विचारधारा और देश के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं. वह साबित करना चाहती है कि भगवा आतंकवाद जैसा कुछ भी नहीं है. यही कारण है कि वह चुनाव लड़ रही है.

क्या है मामला

बता दें, मालेगांव बम धमाके के एक पीड़िता के पिता ने साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ एनआइए कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें साध्वी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने इस पर साध्वी प्रज्ञा से जवाब मांगा था. साध्वी ने कहा था कि याचिका राजनीति से प्रेरित है. यह केवल पब्लिसिटी स्टंट के लिए किया गया काम है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट का समय बर्बाद किया है. उस पर जुर्माना लगाकर याचिका को खारिज किया जाना चाहिए.

जमानत पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को धमाका हुआ था. इसमें छह लोग मारे गए थे जबकि 100 से अधिक घायल हुए थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा समेत कई लोग आरोपी बनाए गए थे. एनआइए ने जांच के बाद साध्वी प्रज्ञा को क्लीनचिट दी थी. मगर कोर्ट में यह मामला अभी भी चल रहा है. फिलहाल, साध्वी प्रज्ञा जमानत पर हैं.

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