पीएम मोदी ने वंशवाद पर की घेरेबंदी पर BJP में भी जल रहे ‘वंश’ के चराग

देश की सारी पार्टियां कहती हैं कि महिलाओं और युवाओं को राजनीति में आगे बढ़ाना चाहिए. लेकिन जब टिकट और मौका देने का समय आता है तो सबसे एलिजिबल महिला या युवा उन्हें अपने परिवार में ही दिखते हैं. इसी परिवारवाद और वंशवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ब्लॉग लिखकर कांग्रेस पर तीखा हमला किया. उन्होंने लिखा है कि 2014 में लोगों ने वंशवाद पर ईमानदारी, विनाश की जगह विकास को चुना. उस साल का जनादेश ऐतिहासिक था. पहली बार किसी गैर-वंशवादी दल को पूर्ण बहुमत मिला.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्लॉग पर प्रियंका गांधी ने जवाब देते कहा कि 5 सालों में भाजपा ने देश की संस्थाओं को बर्बाद किया. हम किसी से डरने वाले नहीं हैं. वहीं, कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐस कह रहे हैं क्योंकि वह किसी राजनीतिक खानदान से नहीं आते हैं. कोई भी राजनीतिक खानदान से जुड़ा व्यक्ति ऐसा नहीं कहेगा. मुझे एक भी पेशा बताइए जहां वंशवाद को बढ़ावा नहीं मिलता है. इस बीच, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने ट्वीट करके लिखा है कि रमन सिंह-अभिषेक सिंह, राजनाथ सिंह-पंकज सिंह, गोपीनाथ मुंडे-पंकजा मुंडे, कल्याण सिंह-राजवीर सिंह, प्रमोद महाजन-पूनम महाजन, प्रेम कुमार धूमिल -अनुराग ठाकुर, वसुन्धरा राजे-दुष्यन्त सिंह ये सब मोदी जी के वंशवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी मजबूती के साथ शामिल होंगे.

कांग्रेस इस मामले में बदनाम है. लेकिन भाजपा भी परिवारवाद के मामले में कांग्रेस से किसी मामले में कम नहीं है. जानिए… भाजपा के बड़े नेताओं के परिवार से कौन-कौन है राजनीति में.

राजनीति में भाजपाई ‘वंश’ के चराग

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत झालावाड़ से सांसद

पूर्व सांसद बीपी सिंह के बेटे अभिजीत सिंह भीलवाड़ा से लड़ना चाहते हैं

सांसद राम कस्वा के बेटे राहुल कस्वा राजस्थान के चुरू से टिकट मांग रहे

पूर्व सांसद गिरधारी भार्गव के बेटे मनोज जयपुर से लड़ाना चाहते हैं

गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव खजुराहो से चुनाव लड़ सकते हैं

गौरीशंकर बिसेन की बेटी मौसम बिसेन बालाघाट से टिकट मिल सकता है

शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह को उतारना चाहते हैं, पर सीट तय नहीं

राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह उत्तर प्रदेश भाजपा में महासचिव हैं

विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा उत्तराखंड के सितारगंज विधायक

प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर हमीरपुर से सांसद रह चुके हैं

वेद प्रकाश गोयल के बेटे पीयूष गोयल अभी रेल मंत्री हैं

मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं

प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन मुंबई उत्तर-मध्य से सांसद

यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री हैं

कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह एटा सीट से सांसद हैं

साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से सांसद

रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह राजनंदगांव से सांसद

गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे परली से विधायक और प्रीतम मुंडे बीड से सांसद

सुषमा स्वराज की बहन वंदना शर्मा हरियाणा के सफीदों से चुनाव लड़ी, हार गईं

बीएस येदियुरप्पा के बेटे राघवेंद्र येदियुरप्पा शिमोगा से सांसद हैं

लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं

सुदंरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा शिवराज सरकार में पर्यटन मंत्री थे

ओपी बब्बर के बेटे राजीव बब्बर तिलकरनगर पश्चिम से चुनाव लड़े, हार गए

विजय मल्होत्रा के बेटे अजय मल्होत्रा ग्रेटर कैलाश से लड़े, पर हार गए

परिवारवाद किसी एक दल की बीमारी नहीं है. जिसे जहां मौका मिलता है वहीं वंशवादी हो जाता है. पवार से करुणानिधि तक मुलायम से लालू तक, राजनाथ से रमन सिंह तक ऐसे लोग राजनीति में इफरात है. जिनकी राजनीति के रोम-रोम में परिवार बसता है. पार्टी के नियम को मानना तो सिर्फ कहने की बात है.

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