रामदेव का यह बयान तीन राज्यों में बीजेपी की हार के बाद आया है. टाइम्स नेटवर्क की ओर से मुंबई में आयोजित इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव में रामदेव ने कहा, ‘मोदी उनमें से नहीं हैं जो वोट बैंक की राजनीति करते हैं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी ने अपने वादे पूरे किए, रामदेव ने कहा, ‘मैं इस तरह के राजनीतिक सवालों के जवाब देकर मुश्किलों को बुलावा नहीं देना चाहता, क्योंकि आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. मैं अब भी यही कहूंगा कि मोदी के नेतृत्व, नीयत और नीति पर कोई संदेह नहीं कर सकता। उन्होंने 100 से ज्यादा राष्ट्र निर्माण परियोजनाएं शुरू की हैं और वह कभी वोट बैंक की राजनीति में शामिल नहीं रहे.’
यह पूछे जाने पर कि क्या एनडीए के शासन काल में कालेधन का सफाया हो गया, रामदेव ने कहा, ‘नोटबैन के बाद सारा धन बराबर हो गया, लेकिन एक बहुत बड़ा सवाल यह है कि इस रकम का इस्तेमाल कैसे किया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि इसका इस्तेमाल कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में किया जाना चाहिए.’
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