आरबीआई ऐक्ट के सेक्शन 7 पर मचा घमासान, चिदंबरम बोले- हताशा में है सरकार, बुरी खबरें आएंगी

 

आरबीआई कानून की सेक्शन 7 केंद्र सरकार को जनहित में रिजर्व बैंक को निर्देश जारी करने का अधिकार देती है। नॉर्थ ब्लॉक और मिंट स्ट्रीट के बीच विवाद की खबरों से इस समय यह धारा चर्चा का विषय बनी हुई है। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 7(1) का सरकार ने अब तक कभी इस्तेमाल नहीं किया है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बैंक के साथ विवादों का निपटान करने के लिए रिजर्व बैंक कानून के तहत उपलब्ध इस धारा का उल्लेख किया है। सेक्शन 7 प्रबंधन से संबंधित है।
आरबीआई कानून, 1934 की धारा 7(1) कहती है कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के गवर्नर के साथ विचार विमर्श के बाद जनहित में समय-समय पर केंद्रीय बैंक को निर्देश जारी कर सकती है। इसके अलावा धारा 7(2) सरकार को रिजर्व बैंक के कामकाज का संचालन उसके केंद्रीय निदेशक बोर्ड को देने का अधिकार देती है। सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ सप्ताह के दौरान वित्त मंत्रालय ने आरबीआई कानून की सेक्शन 7 के तहत रिजर्व बैंक को तीन अलग-अलग पत्र लिखे हैं। इनमें बैंकों के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के रूपरेखा ढांचे से लेकर नकदी प्रबंधन के मुद्दों पर विचार विमर्श करने को कहा गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार हालांकि, सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सरकार ने किसी तरह का विशेष निर्देश जारी करने की कोई कार्रवाई नहीं की है और सिर्फ कुछ मुद्दों को सुलझाने के लिए विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है।

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