नेहरु तो भगत सिंह से मिलने गए थे , इसके सबूत हैं . अखबार की कतरनें हैं . किताबें हैं . जेल के पन्ने हैं लेकिन संघ से संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार भगत सिंह से मिलने गए थे क्या ? 1925 में संघ की स्थापना हो गई . 1929-1930 में भगत सिंह दो साल तक लाहौर जेल में रहे . हो सकता है इन दो सालों संघ प्रमुख भगत सिंह से कई बार मिले हों ।
किसी के पास ऐसी कोई जानकारी है तो बताएं कि कितनी बार और कब -कब संघ प्रमुख हेडगेवार उनसे मिलने गए थे ? संघ प्रमुख की तरफ से भगत सिंह को बचाने के लिए किन -किन शहरों में आंदोलन किया गया था ? लाहौर जेल से लौटने के बाद हेडगेवार ने भगत सिंह और उनके साथियों को बचाने के लिए कहां शाखा लगाई थी ?
When Shaheed Bhagat Singh, Batukeshwar Dutt, Veer Savarkar, greats like them were jailed fighting for the country's independence, did any Congress leader went to meet them? But the Congress leaders go and meet the corrupt who have been jailed: PM @narendramodi
— narendramodi_in (@narendramodi_in) May 9, 2018
When freedom fighters like Bhagat Singh, Batukeshwar Dut etc were jailed while fighting for our independence, did any Congress leader go to meet them? But the Congress leaders have the time to meet people who're corrupt & have been jailed: PM Modi in Bidar #KarnatakaElections2018 pic.twitter.com/xl36dIiiae
— ANI (@ANI) May 9, 2018
संघ के बारे में कुछ लोग मिथ्या प्रचार न करने पाएं , इसी लिए तथ्य सामने आना जरुरी है . हो सकता है संघ के नेतागण हर महीने लाहौर जाते हों और देश के लोगों को पता न चल रहा हो .मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है . अगर आप लोग बताएं तो मैं सुधार लूंगा
हे न्यू इंडिया के ज्ञानदीपकों
आपके हिसाब से हो सकता है कि लाहौर सेंट्रल जेल में नेहरु और भगत सिंह की मुलाकात का इतिहास लिखने वाले सारे इतिहासकार ‘वामपंथी’ हों और उन्होंने इतिहास के साथ छेड़छाड़ की हो . हो सकता है कि नेहरु ने भी अपनी किताब में भगत सिंह के से अपनी मुलाकात के बारे में झूठ लिख दिया हो लेकिन 1929 के ट्रिब्यून अखबार के रिपोर्टर ने तो सच ही लिखा होगा .
इतना तो मान ही सकते हैं आप ( मतलब राष्ट्रवादी महोदय ) ? और हां . ट्रिब्यून अखबार का ये जो नब्बे साल पुरानी कतरन है न , वो किसी फोटोशॉप डिजायनर के सौजन्य से नहीं है . ट्रिब्यून अखबार की लाइब्रेरी से है . एकदम ऑरिजनल वाला .
August 1929 :: Jawaharlal Nehru On His Meeting With Bhagat Singh , Jatindranath Das and Batukeshwar Dutt In Borstal Jail , Lahore
( Photo – Selected Works Of Jawaharlal Nehru Volume 4 /Page 13 ) pic.twitter.com/lD4W0IaEhZ
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) May 10, 2018
इतिहास की तथ्यहीन व्याख्या करने वाले सारे ‘ज्ञानदीपक’ दूसरे इतिहासकारों को वामपंथी और कांग्रेसी बताकर अपना -अपना एडिशन पेश करते रहते हैं। उन्हीं एडिशनों के हवाले से पीएम मोदी अपनी रैलियों में इतिहास की नई-नई कथा बांच आते हैं। इस बार भी बांच आए हैं .
लाहौर जेल में बंद भगत सिंह और उनके साथियों के प्रति कांग्रेस नेताओं की बेरुखी की इमोशनल कथा बांचने से पहले उन्होंने इस बार ये कहकर डिस्क्लेमर लगा दिया था कि ‘अगर आपमें से किसी को जानकारी है तो जरुर बताना. मुझे नहीं है . मैंने जितना इतिहास पढ़ा है , मेरे ध्यान में नहीं आया. फिर भी आपमें से किसी को जानकारी हो तो मैं सुधार करने के लिए तैयार हूं ‘ .
अब जिन्हें लाहौर जेल में बंद वीर भगत सिंह और उनके साथियों से नेहरु की मुलाकात की जानकारी थी , उन्होंने तो इतिहास और अखबार के पन्ने निकालकर खिदमत में पेश कर दिया है . नेहरु की लिखी किताब में भगत सिंह और उनके साथियों से मुलाकात का विस्तार से जिक्र तो है ही , उस समय के अखबार में खबर भी है . तो क्या पीएम मोदी अब अपने इतिहास ज्ञान को सुधारेंगे ? कहेंगे कि मैंने गलत इतिहास पढ़ लिया ?
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