कर्नाटक विधानसभा चुनाव : इन 5 रणनीतियों के दम पर टिका है कांग्रेस का पूरा प्लान

बंगलोर: कर्नाटक में 12 मई को वोट डाले जाएंगे. दक्षिण भारत में कांग्रेस इस किले को बचाने के लिये पूरी कोशिश कर रही है. क्योंकि ये चुनाव का असर बहुत दूर तक होने वाला है. इसके बाद हिंदी पट्टी के राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में चुनाव होना यहां पर बीजेपी की सरकारे हैं. अगर कांग्रेस के कर्नाटक का चुनाव जीतती है तो उसके पक्ष में माहौल बनेगा. इसलिए कर्नाटक में सरकार के तीन साल पूरे होते ही सीएम सिद्धारमैया ने तैयारी शुरू कर दी थी. राज्य सरकार ने इस बीच कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है. इन सब के बीच कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए कई रणनीतिक फैसले भी किये हैं.

 

लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा
कर्नाटक में लिंगायत इस बार बड़ा मुद्दा बन गये और चुनाव प्रचार की शुरुआत में ही सभी बड़े नेता लिंगायत संतों के दर माथा टेकते नजर आये. जिसमें राहुल गांधी के साथ-साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी थे. सीएम सिद्धारमैया ने बड़ा दांव खेलते हुये लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा दे दिया. कर्नाटक की राजनीति में लिंगायत निर्णायक वोट बैंक माने जाते हैं. बीएस येदियुरप्पा भी इस समुदाय के नेता हैं. अलग धर्म देने की बात अब केंद्र सरकार के पाले में हैं और बीजेपी इस मुद्दे पर रक्षात्मक मुद्रा में दिखाई पड़ रही है.

 

राहुल गांधी ‘नरम छवि’
गुजरात के विपरीत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल तो किये लेकिन बहुत ही सधे हुये अंदाज में. उन्होंने कई बार कि पीएम मोदी उनके ऊपर भले ही व्यक्तिगत हमला करें वह कुछ नहीं कहेंगे लेकिन वह प्रधानमंत्री से नौकरी, नीरव मोदी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर सवाल जरूर पूछेंगे. राहुल गांधी के इस अंदाज की मीडिया में खूब तारीफ हुई. राहुल गांधी ने प्रचार के आखिरी दिन यह भी कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी भारतीय से भी ज्यादा भारतीय हैं.

 

बीएस येदियुरप्पा पर लगे भ्रष्टाचार का आरोप
इस बार कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर रक्षात्मक रवैया अपनाने के बजाये जमकर बहस की और येदियुरप्पा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को जमकर मुद्दा बनाया. इतना ही नहीं रेड्डी बंधुओं पर लगे अवैध खनन पर भी राहुल गांधी खूब बरसे. एक रैली में राहुल ने कहा कि यूपीए सरकार ने रेड्डी को जेल भेजा लेकिन बीजेपी उनको विधानसभा भेजना चाहती है.

 

सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति
इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस अब बीजेपी के हिंदुत्व के सामने सॉफ्ट हिंदुत्व का दांव रह जगह खेलेगी. कर्नाटक में पिछले दो-तीन सालों में हिंदूवादी संगठनों का उभार काफी तेजी से हुआ है. शुरुआत में राहुल ने मंदिरों का दौरा करना शुरू कर दिया था.

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