रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति, समिति ने नहीं बदलीं प्रमुख दरें, रीपो रेट 6% पर कायम

इस बार भी होम लोन पर ब्याज घटने की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। आम बजट के बाद मौद्रिक नीति की पहली समीक्षा के बाद रिजर्व बैंक की कमिटी ने प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया। इसके साथ ही, केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रीपो रेट 6 प्रतिशत पर बरकरार रखा। वहीं, रिवर्स रीपो रेट 5.75 प्रतिशत जबकि सीआरआर 4 प्रतिशत और एसएलआर 19.5% पर कायम रखा गया है। एपीसी के एक सदस्य माइकल पात्रा ने 0.25% रेट बढ़ाने का सुझाव दिया, लेकिन बाकी के 5 सदस्यों ने पॉलिसी रेट्स में बदलाव नहीं करने पर सहमति जताई।

इस वर्ष महंगाई लगातार घटने का अनुमान
रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई दर का अनुमान घटाकर 4.7% से 5.1% कर दिया, पहले महंगाई दर 5.1%-5.6% रहने का अनुमान जताया गया था। केंद्रीय बैंक के अनुसार, पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर 2018 के दौरान महंगाई के 4.7% से 5.1% जबकि दूसरी छमाही यानी अक्टूबर 2018 से मार्च 2019 के दौरान महंगाई 4.4% रहने का अनुमान जताया गया है। आरबीआई का अनुमान है कि पहली तिमाही में महंगाई 5.1 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत जबकि तीसरी तिमाही में यह 4.4 प्रतिशत रहेगी।

RBI लाएगा अपनी डिजिटल करंसी
हालांकि रिजर्व बैंक ने कहा कि डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में वर्चुअल करंसी के महत्व को नकारा नहीं जा सकता है। इसलिए, आरबीआई की ओर से डिजिटल करंसी जारी करने की संभावना टटोली जा रही है। इसके लिए एक समिति का निर्माण किया गया है जो इस मुद्दे पर रिजर्व बैंक को गाइड करेगी।

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करंसी पर सख्ती
बिटकॉइन या किसी भी तरह की वर्चुअल करंसी के मामले में आरबीआई से रेग्युलेटेड कोई भी एजेंसी किसी तरह की सर्विस नहीं देगी और नहीं सपॉर्ट करेगी। यानी, स्पष्ट है कि सरकार के निर्देशों के मुताबिक देश में बिटकॉइन जैसी डिजिटल करंसीज को अभी मान्यता मिलने की गुंजाइश दूर-दूर तक नहीं है।

फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई थीं ब्याज दरें
छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय हुई है जबकि सरकार ने जोर देकर कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा। ध्यान रहे कि पिछले महीने अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए संकेत दिया है कि 2018 में वह दो बार और ब्याज दरें बढ़ाएगा।

अनुमान के मुताबिक फैसला
उद्योग मंडल फिक्की ने मौद्रिक नीति में नरम रुख की वकालत की थी। फिक्की का कहना था कि अर्थव्यवस्था में सुधार अब दिखने लगा है, लेकिन वृद्धि के स्तर को और बढ़ाने की जरूरत है। उधर, कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा था कि अभी रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि 2018-19 में मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। गौरतलब है कि पिछली बार अगस्त महीने की मौद्रिक नीति की समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रीपो रेट और रिवर्स रीपो रेट में 0.25% कटौती का ऐलान किया था। उसके बाद 4 अक्टूबर और 6 दिसंबर की नीतिगत समीक्षा में कोई बदलाव नहीं किए गए थे।

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