नई दिल्ली
एससी-एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। दूसरी तरफ देश भर में शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ जारी दलित संगठनों के प्रदर्शनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी शुरू हो गई है। देश भर में कई दलित संगठनों ने अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सोमवार (2 अप्रैल) भारत बंद का आह्वान किया है। बता दें कि, भारत बंद को कई राजनीतिक पार्टियों और कई संगठनों ने समर्थन भी दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और संघ पर दलितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। राहुल ने ट्वीट में लिखा, ‘दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस-बीजेपी के डीएनए में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं।’
दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं।
हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं।
हम उनको सलाम करते हैं।#BharatBandh
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2018
दलित संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए। एससी/एसटी ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है। इस बंद को देखते हुए पंजाब सरकार ने बस और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रखने का आदेश दिया है, जबकि सेना एवं अर्द्धसैनिक बलों को किसी भी परिस्थिति के लिये तैयार रहने के लिये कहा गया है।
Be the first to comment