मनमोहन सिंह का पीएम मोदी पर हमला, बोले- कांग्रेस की सरकार ने किए थे कई सर्जिकल स्ट्राइक

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में पंपोर, उरी, पठानकोट, गुरदासपुर, सुंजवान आर्मी कैंप को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने बार-बार निशाना बनाया और अमरनाथ यात्रा पर भी हमला किया.

नई दिल्ली: चुनावी मौसम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर एक रैलियों में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए पूर्व की कांग्रेस सरकार पर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगा रहे हैं. आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसी आरोपों का जवाब दिया और पुलवामा आतंकी हमले को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए. साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे समय में कई सर्जिकल स्ट्राइक किये गए.

उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को दिये इंटरव्यू में कहा कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना अस्वीकार्य है. सबसे सुरक्षित नेशनल हाईवे पर पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. यह गंभीर खुफिया और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर विफलता था. मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार ने आईईडी हमले के बारे में ठोस खुफिया सूचनाओं को भी नजरअंदाज कर दिया, इसके अलावा एक आतंकवादी संगठन की वीडियो चेतावनी पर भी आंखें मूंदे रखी.

ध्यान रहे कि इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर जैश ए मोहम्मद के ठिकाने को तबाह कर दिया था.

मनमोहन सिंह ने कहा, ”पिछले पांच सालों में पंपोर, उरी, पठानकोट, गुरदासपुर, सुंजवान आर्मी कैंप को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने बार-बार निशाना बनाया और अमरनाथ यात्रा पर भी हमला किया.”

मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि पठानकोट आतंकी हमले की जांच के लिए आईएसआई (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) को बुलाना मोदी सरकार की बड़ी रणनीतिक चूक थी. यह आर्म्ड फोर्सेस को हतोत्साहित करने वाला था. पूर्व प्रधानमंत्री ने बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार को अवसरवादी सरकार बताते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति तेजी से बिगड़ी.

साथ ही उन्होंने कहा, ”याद रहना चाहिए कि हमारी सशस्त्र सेनाओं को हमेशा से हर खतरे का जवाब देने के लिए खुली छूट है. कई सर्जिकल स्ट्राइक हमारे समय में भी हुआ. हमारे लिए मिलिट्री ऑपरेशन्स का मतलब भारत विरोधी ताकतों को रणनीतिक ढंग से और जवाब देकर रोकना है. पिछले 70 सालों में सत्ता में आई सरकार को कभी भी हमारे सशस्त्र बलों की वीरता के पीछे छिपना नहीं पड़ा. राजनीतिकरण के प्रयास शर्मनाक और अस्वीकार्य हैं. लेकिन विफलता छुपाने के लिए मोदी सरकार ऐसा कर रही है.” मनमोहन सिंह ने 1965 और 1991 के युद्ध का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि न ही इंदिरा गांधी ने और न ही लाल बाहदुर शास्त्री ने युद्ध जीतने का क्रेडिट लिया.

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