Lok Sabha Election 2019 के तहत 23 अप्रैल को देश के 15 राज्यों की 117 सीटों पर मतदान हुआ। इस दौरान असम की 4 सीटों पर भी वोट डाले गए। ऐसे में असम के पूर्व डीजीपी हरेकृष्णा डेका ने ईवीएम पर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि मैंने वोट किसी और प्रत्याशी को दिया था, लेकिन पर्ची दूसरे प्रत्याशी के नाम की निकली। पूर्व डीजीपी का कहना है कि वह इस मामले की शिकायत करना चाहते थे, लेकिन उन्हें बताया गया कि अगर कंप्लेंट गलत पाई गई तो उन्हें सजा मिलेगी।
यह है पूरा मामला : लोकसभा चुनाव 2014 से अब तक ईवीएम की कार्यप्रणाली पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। विपक्ष कई बार दावा कर चुका है कि ईवीएम की सेटिंग में छेड़छाड़ की जाती है। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इन शिकायतों से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने EVM के साथ VVPAT मशीन को जोड़ने का फैसला किया, जिससे वोटर्स को पता चल सके कि उन्होंने जिसे वोट दिया है, वह उसे मिला है या नहीं।
डीजीपी ने किया यह दावा : असम के पूर्व डीजीपी हरेकृष्णा डेका ने 23 अप्रैल को लचित नगर एलपी स्कूल के पोलिंग बूथ में मतदान किया। उनका दावा है कि जब मैंने वोट डाला तो वीपीपैट पर किसी दूसरे प्रत्याशी का नाम दिखाई दिया। यह वह उम्मीदवार नहीं था, जिसे मैंने वोट दिया था। मुझे बताया गया कि मैं इस मामले की शिकायत कर सकता हूं, लेकिन अगर मेरी कंप्लेंट गलत पाई गई तो मुझे सजा मिलेगी। मैं किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता हूं। हालांकि, मैं यह जानना चाहता हूं कि इसे किस तरह साबित किया जा सकता है?
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी उठाए सवाल : बता दें कि 23 अप्रैल को ही यूपी की 10 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। इस दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए। हालांकि, बीजेपी ने इस पर पलटवार किया। साथ ही, कहा कि अखिलेश को अपनी हार साफ नजर आने लगी है। ऐसे में वह ईवीएम पर ठीकरा फोड़ रहे हैं।
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