Lok Sabha Election 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दावा किया कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के भीतर इस कदर डर समाया है कि वो भारत में घुसने से पहले सौ दफा सोचते हैं। लेकिन, अगर आंकड़ों पर गौर करें तो पीएम मोदी का यह दावा जमीन पर कुछ और ही हकीकत बयान कर रहा है। पीएम मोदी ने जम्मू के अखनूर में आयोजित एक चुनावी रैली (Modi’s Rally) में कहा, “जो लोग आतंकवाद की फैक्टरी सीमा पार से चला रहे हैं वह आज डरे हुए हैं। वे डर के साये में जी रहे हैं। यह पहली बार है जब सीमा-पार से आने वाले आतंकी भारत को डराने से पहले सौ बार सोचते हैं।”
लेकिन, मोदी सरकार के ही पेश किए गए आंकड़े कुछ और ही कहानी बता रहे हैं, आंकड़ों के मुताबिक बीते पांच सालों में आतंकी वारदातों में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं, सीमा पार घुसपैठ में भी 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के रिपोर्ट में जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं का पूरा ब्यौरा दिया गया है। गृहमंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 2013 (यूपीए का शासनकाल) 170 आतंकी घटनाएं हुई थीं। जिनमें 135 लोग मारे गए गए थे। इनमें 53 सुरक्षाकर्मी, 15 नागरिक, और 67 आतंकवादी शामिल हैं। वहीं, यह आंकड़ा मोदी शासनकाल के आखिरी साल 2018 में 614 आतंकी वारदातें पेश आईं। यह आंकड़ा पिछले एक दशक सबसे ज्यादा है।
द टेलिग्राफ ने पुलिस सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले साल आतंकी गतिवधियों में 435 लोग मारे गए। इनमें 100 नागरिक, 246 आतंकी और 89 सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। इसी साल 14 फरवरी को पुलवामा के आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। घुसपैठ के मामलों में भी गृहमंत्रालय की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में जहां 97 घुसपैठ के मामले हुए थे, वहीं 2018 में यह संख्या बढ़कर 140 हो गई।
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