अब राम पर संग्राम: प्रियंका अयोध्या में उतर मोदी-योगी को देंगी सीधी चुनौती

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का दूसरा यूपी दौरा अयोध्या में होने जा रहा है. प्रयागराज से वाराणसी तक बोट यात्रा के बाद अब प्रियंका गांधी रेल और सड़क जरिए अयोध्या की यात्रा करेंगी. प्रियंका बुधवार को सुबह कैफियत एक्सप्रेस से फैजाबाद पहुंचेंगी. प्रियंका अपना रोड शो का आगाज अयोध्या से हनुमानगढ़ी में दर्शन के साथ शुरू करेंगी

बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भगवान राम की नगरी अयोध्या से सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देंगी. बीजेपी के हार्ड हिंदुत्व के जवाब में कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड चल रही है. यही वजह है कि बीजेपी जिस अयोध्या मुद्दे सहारे अपनी राजनीतिक जमीन को देश भर में मजबूत कर सत्ता के सिंहासन पर विराजमान है. प्रियंका गांधी ने अब उसी पिच पर उतरकर बीजेपी को मात देने की रणनीति बनाई है, जिसके तहत बुधवार को वह अयोध्या का दौरे पर पहुंच रही हैं.

प्रियंका गांधी का दूसरा यूपी दौरा अयोध्या में होने जा रहा है. प्रयागराज से वाराणसी तक बोट यात्रा के बाद अब प्रियंका गांधी रेल और सड़क जरिए अयोध्या की यात्रा करेंगी. प्रियंका बुधवार को सुबह कैफियत एक्सप्रेस से फैजाबाद पहुंचेंगी. प्रियंका अपना रोड शो का आगाज अयोध्या से हनुमानगढ़ी में दर्शन के साथ शुरू करेंगी. इसके बाद अयोध्या शहर में उनका काफिला गुजरेगा और रोड शो की तर्ज पर अयोध्या की गलियों की खाक छानकर कांग्रेस के चुनावी प्रचार अभियान को धार देंगी.

प्रियंका गांधी हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का दर्शन के बाद बिरला मंदिर जाएंगी. इसके बाद वो फिर एक निजी स्कूल में बच्चों के साथ मुलाकात करेंगी. इसके अलावा अयोध्या के चौक चौराहों और दुकानों पर प्रियंका गांधी रुकेगी और लोगों को संबोधित करेंगी.

प्रयागराज से काशी दौरे से प्रियंका गांधी ने जिस तरह से सॉफ्ट हिंदुत्व पर अपनी लाइन खींची है, अब अयोध्या में भी ऐसा ही देखने को मिल सकता है. बता दें कि रामलला के दर्शन का कोई कार्यक्रम अभी तय नहीं है, लेकिन प्रियंका गांधी अपने कार्यक्रमों में आखरी वक्त खुद बदलाव करके लोगों को चौकाती भी हैं. ऐसे में रामलला के दर्शन का कार्यक्रम होता है तो कोई आश्चर्य वाली बात नहीं होगी.

पिछले तीन दशक से किसी बड़े कांग्रेस नेता ने अयोध्या में रोड शो या फिर मंदिरों के दर्शन का ऐसा प्लान नहीं बनाया है. हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खाट सभाएं की थी. इस दौरान वो अयोध्या पहुंचकर हनुमानगढ़ी में बजरंगबली का दर्शन किया था.

दिलचस्प बात ये है कि बीजेपी अयोध्या मुद्दे के जरिए देश भर में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में सफल रही थी. 1980 में बीजेपी का गठन हुआ और पार्टी के बनने के बाद ही उसने खुलकर राम मंदिर आंदोलन का मोर्चा संभाला. 1989 में बीजेपी ने पलमपुर अधिवेशन में राम मंदिर आंदोलन को धार देने का फैसला किया. बीजेपी 1989 के लोकसभा चुनाव में 2 सीट से बढ़कर 85 पर पहुंच गई.

राम मंदिर के सियासी फायदे को देखते हुए बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर से अयोध्या के लिए रथ यात्रा निकाली. इस यात्रा ने बीजेपी को सत्ता की दहलीज तक पहुंचा दिया. यूपी से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यो में बीजेपी की सरकारें बनी थी.

ऐसे में अब इसी अयोध्या मुद्दे के जरिए कांग्रेस सूबे में अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने की कवायद कर रही है. इसी कड़ी में प्रियंका गांधी अयोध्या और सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड के जरिए मोदी और योगी के सामने बड़ी चुनौती पेश करेंगी. दिलचस्प बात ये है कि पिछले पांच सालों में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री रहते हुए एक बार भी अयोध्या का दौरा नहीं किया है. ऐसे में कांग्रेस के निशाने पर नरेंद्र मोदी हो सकते हैं.

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