खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक का फिर किया बायकॉट, PM मोदी को लिखी चिट्ठी

Mallikarjun Kharge to boycott Lokpal Selection Committee meeting लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि लोकपाल अधिनियम-2013 की धारा चार में विशेष आमंत्रित सदस्य के लोकपाल चयन समिति की हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल के चयन के लिए समिति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बुलाए जाने का फिर विरोध किया है. उन्होंने शुक्रवार को प्रस्तावित लोकपाल चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया है. विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर बैठक में बुलाए जाने का विरोध करते हुए खड़गे पहले भी कई बार इस बैठक का बहिष्कार कर चुके हैं.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि लोकपाल अधिनियम-2013 की धारा चार में विशेष आमंत्रित सदस्य के लोकपाल चयन समिति की हिस्सा होने या इसकी बैठक में शामिल होने का कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में सत्तासीन होने के बाद से इस सरकार ने लोकपाल कानून में ऐसा संशोधन करने का कोई प्रयास नहीं किया जिससे विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता चयन समिति के सदस्य के तौर पर बैठक में शामिल हो सके.

इससे पहले पिछले साल सितंबर में खड़गे ने लोकपाल के चयन के लिए समिति की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार दिया था. उनका कहना था वह तब तक बैठक में शामिल नहीं होंगे, जब तक उन्हें विशेष आमंत्रित सदस्य के बजाय पूर्ण सदस्य का दर्जा नहीं दिया जाता. खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो सितंबर 2018 को लिखे अपने पांचवें पत्र में कहा है, सरकार लगातार मुझे चयन समिति के लिए बतौर ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ बुला रही है, जबकि वह इस तथ्य से अवगत है कि लोकपाल अधिनियम, 2013 की धारा चार के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.’ खड़गे इस सिलसिले में पिछले साल 28 फरवरी, 10 अप्रैल, 18 जुलाई और 18 अगस्त को भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था.

कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री को लिखे पत्रों में कह चुके हैं कि प्रक्रिया में भागीदारी, राय दर्ज कराने और मतदान के अधिकार बगैर ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के तौर पर उपस्थित होने के इस निमंत्रण को स्वीकारना लोकपाल अधिनियम अंक्षरश: उल्लंघन होगा. उन्होंने कहा, इस कारण मुझे चयन समिति की बैठक में उपस्थित होने के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक खारिज करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. मैं इस बैठक में तब तक हिस्सा नहीं लूंगा, जब तक लोकपाल अधिनियम 2013 में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को पूर्ण सदस्य का दर्जा नहीं दिया जाता है.

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