नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव की स्थिति के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी के नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने एक ताजा ट्वीट किया है. नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति को जंग करार देते हुए पीएम मोदी पर एक तरह से निशाना साधा है और इसका राजनीति फायदा उठाने का भी आरोप लगाया है. सिद्धू ने कहा कि जिस जंग में बादशाह की जान को खतरा न हो, उसे जंग नहीं राजनीति कहते हैं. बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तानी सरजमीं पर पल रहे जैश के आतंकी कैंप पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है. हालांकि, भारतीय पायलट अभिनंदन की रिहाई से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम होंगे.
शुक्रवार की सुबह नवजोत सिंह सिद्धू ने एक ट्वीट किया और उसमें लिखा- ‘जिस जंग में बादशाह की जान को खतरा न हो, उसे जंग नही राजनीति कहते है. ~ चाणक्य (Chanakya).’ इसके बाद सिद्धू ने अंग्रेजी में भी एक लाइन लिखी है, जिसका मतलब है- युद्ध एक विफल सरकार का आश्रय है, आप अपने खोखले राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कितने अधिक निर्दोष जीवन और जवानों का बलिदान करेंगे.’ दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने इस ट्वीट को चाणक्य के क्योट का हवाला दिया है. दरअसल, बुधवार को पाकिस्तान द्वारा भारतीय पायलट को हिरासत में लिये जाने के बाद देश में काफी गुस्से का माहौल बन गया था. भारत ने पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव बनाया और तब जाकर पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने शुक्रवार को अभिनंदन की रिहाई की बात कही.
जिस जंग में बादशाह की जान को खतरा न हो, उसे जंग नही राजनीति कहते है। ~ चाणक्य (Chanakya)
War is the refuge for a failed government, how many more innocent lives and jawans will you sacrifice for your hollow political motives.
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 1, 2019
दरअसल, नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान और भारत के बीच अक्सर बातचीत के हिमायती रहे हैं. पुलवामा हमले के बाद जब नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि कुछ लोगों की गतिविधियों की वजह से किसी देश को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, इस पर भी नवजोत सिंह सिद्धू की जमकर आलोचना हुई थी. आलोचना का आलम यह था कि नवजोत सिंह सिद्धू को अपने इसी बयान की वजह से कपिल शर्मा शो से हटना पड़ा था.
इससे पहले क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने ‘वी हैव ए च्वाइस’ (हमारे पास विकल्प है) शीर्षक के दो पेज के बयान में कहा, ‘‘मैं अपने इस विश्वास के साथ खड़ा हूं कि सीमा के अंदर और इसके पार से संचालित आतंकी संगठनों की उपस्थिति और गतिविधियों का दीर्घकालिक समाधान खोजने में बातचीत और कूटनीति दबाव अहम भूमिका निभाएगा.’ उन्होंने कहा, ‘आतंक का समाधान शांति, विकास और प्रगति है, बेरोजगारी, घृणा और भय नहीं.’ उन्होंने कहा कि वह इस सिद्धांत के साथ मजबूती से खड़े हैं कि कुछ लोगों की गतिविधियों के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा स
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