महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन का ऐलान होने से पहले केंद्रीय मंत्री और आरपीआई (ए) के अध्यक्ष रामदास अठावले से कोई चर्चा नहीं की गई। इस बात से अठावले बेहद गु्स्से में हैं और उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वे उन्हें किनारा करने वालों को सबक सिखाएंगे।
अठावले मोदी सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी-शिवसेना ने अपने गठबंधन को अंतिम रूप देते वक्त उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी, जबकि वे एनडीए का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि, “मुझे कोई किनारे करेगा तो उन्हें किनारे करने की ताकत मुझमें है। यह बात सही है कि जब बीजेपी-शिवसेना में तालमेल हो गया, अमित शाह की उपस्थिति में जब यह ऐलान हो गया तो मुझे वहां बुलाने की आवश्यकता थी।”
उन्होंने आगे कहा कि, “पूरे देश में यह संदेश गलत गया कि शिवसेना-बीजेपी एक साथ आए हैं, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को हवा में छोड़ दिया। एक भी सीट नहीं आरपीआई को नहीं दी। अभी भी इसमें सुधार किया जा सकता है। हमारी इतनी बड़ी मांग नहीं है।”
Union Minister Ramdas Athawale: Pure desh mein ye sandesh galat gaya ki Shiv Sena-BJP ek saath aaye lekin Republican Party ko hawa mein chod diya. Ek bhi seat RPI (Republican Party of India) ko di nahi. Abhi bhi isme sudhar kiya jaa sakta hai, hamari itni badi maang nahi hai https://t.co/uV5YMPUOHT
— ANI (@ANI) February 24, 2019
रामदास अठावले ने इस गठबंधन पर गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा कि, “हमारी उपेक्षा की गई है। दोनों पार्टियों को इस पर फिर से विचार करना चाहिए। 2014 के लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी के लिए एक सीट (सतारा) छोड़ी गई थी। आज बीजेपी और शिवसेना के फैसले में दलित समाज और हमारी उपेक्षा की गई है। इससे दलित समाज में आक्रोश है। वे साथ आ गए हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन हमारी पार्टी को और हमें भूलना ठीक बात नहीं है। अगर वे हमें साथ नहीं रखते हैं, तो उन्हें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि आरपीआई के नेता 25 फरवरी को मुंबई में बैठक करेंगे और इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
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