प्रियंका गांधी का धमाकेदार सियासी आगाज, PM मोदी पर बड़ा हमला, पूछे ये 10 सवाल

वाराणसी. पुलवामा के आतंकी हमले के नौवें दिन कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की बीजेपी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित पूरी केंद्र सरकार से 10 सवाल किए हैं। उन्होंने सभी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाते हुए हम तो सवाल करते रहेंगे। जिम्मेदारी भी तय करते रहेंगे।

प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि पुलवामा हमला देश की अस्मिता पर एक हमला है। पुरानी बातों को भुला कर इस हमले के अगले ही दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नें प्रेस वार्ता कर के घोषित कर दिया था कि कांग्रेस पूरी तरह से सरकार और सेना के जवानो के साथ है। कांग्रेस नें कभी इस तरह के मुद्दों पर राजनीति नहीं की लेकिन भाजपा के नेता हमले वाले दिन से आज तक इस पर राजनीति करते रहे। हम देश की सुरक्षा में हुई चूक की तरफ अगर सरकार का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं तो हमें देश विरोधी साबित करने का प्रयास किया जा रहा है। हम ज़िम्मेदार विपक्ष हैं और अगर हम सरकार की तरफ से हुई चूक की तरफ ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं तो वो इसलिए कि देश फिर से कोई इतनी बड़ी कीमत न चुकाए। जो प्रश्न सामने आ रहे हैं उनमे से कुछ कांग्रेस के प्रवक्ता सुरजेवाला नें उठाए हैं। जनता उन पर सरकार से जवाब चाहती है।

प्रियंका गांधी के सवाल

– दोपहर लगभग 3:10 पर पुलवामा में सुरक्षा बलों के ऊपर आतंकी हमला हुआ था l अखिर प्रधानमन्त्री जी को इसकी खबर कितने बजे मिली?

– प्रधानमन्त्री जी उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में शूटिंग में व्यस्त थे और लगभग 7 बजे वहां से निकले l क्या घटना के लगभग 4 घंटे बाद तक प्रधानमन्त्री जी को इतने बड़े हमले की कोई सूचना नहीं दी गयी? क्या ये छोटी चूक है?

– अगर प्रधानमन्त्री जी को इस घटना की जानकारी थी तो आखिर वो इतने संवेदनहीन कैसे हो गए कि इतने जवानो की शहादत के बाद भी वो शूटिंग में व्यस्त रहे और मोबाइल फोन पर लगभग शाम 5:30 बजे एक चुनावी रैली को संबोधित किया l क्या प्रधानमन्त्री के तौर पर देश उनसे ये अपेक्षा नहीं करता है कि इतने बड़े आतंकी हमले के बाद उन्हे सभी कार्यक्रम स्थगित कर के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुला कर इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा करनी चाहिए थी और विपक्षी नेताओं की बैठक बुला कर उनको भी अपने विश्वास में लेना चाहिए था?

-सरकार की तरफ से आज तक ये जवाब नहीं मिला कि आखिर प्रधानमन्त्री जी को कितने बजे इस घटना की सूचना मिली थी l

-. जिस गाड़ी की मदद से इस घटना को अंजाम दिया गया वो गाड़ी किसकी थी?

– घटना के 5 मिनट के अंदर ही किसके मोबाइल से आतंकी का विडियो यू ट्यूब पर अपलोड किया गया जो तुरंत ही सभी मीडिया चैनल के पास भी पहुंच गया?

– इतनी बड़ी मात्रा में अखिर विस्फोटक कहाँ से आया और आतंकी तक कैसे पहुंचा?

– घटना के कुछ दिन पहले ही आखिर किसके आदेश से पुलवामा का सुरक्षा बर्रिकैट हटाया गया और क्यूं?

– जिस आतंकी नें इस घटना को अंजाम दिया उसको कई बार पकड़ने के बाद भी सरकार नें क्यूं छोड़ दिया?

– इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक के साथ कार/जीप कैसे बिना किसी जांच के सड़क पर घूमती रही? अगर एक की जगह कई गाड़ियां होती तो हमारी सेना को कितनी बड़ी हानि हो सकती थी, अतः इस पर विचार अति आवश्यक है l

– आखिर मांग के बाद भी सीआरपीएफ के जवानों को हवाई परिवहन की सुविधा क्यूं नहीं प्रदान की गई, और घटना के कुछ दिनो पश्चात ये सुविधा प्रदान करने का आदेश जारी कर दिया गया l क्या सैनिकों की शहादत का ही इंतज़ार था?

– घटना से लगभग 7 दिन पहले देश की सुरक्षा एजेंसियों नें हमले का इनपुट जारी किया था, फिर भी उसको गंभीरता से क्यूं नहीं लिया गया?

– घटना से ठीक 2 दिन पूर्व जैश ए मोहम्मद नें एक विडियो जारी करके हमले की धमकी दी थी, फिर भी उस धमकी को गंभीरता से क्यूं नहीं लिया गया?

जिम्मेदारों पर सवाल
उन्होंने कहा कि एक ज़िम्मेदार विपक्ष के तौर पर सरकार से हम सवाल तो पूछेंगे ही और इस हमले की जवाबदेही तय करने की मांग भी करेंगे। क्या इतनी बड़ी घटना के बाद भी देश के प्रधानमन्त्री, गृह मंत्री और देश के सुरक्षा सलाहकार को नैतिकता के आधार पर अपने पदों पर बने रहने का कोई अधिकार रह जाता है?

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