Surgical Strike की अगुआई करने वाले लेफ्टिनेट जनरल कांग्रेस से जुड़े, जानें राहुल गांधी ने दी कौन सी जिम्मेदारी

हुड्डा का कहना है कि राहुल ने जब यह आइडिया उनके सामने रखा तो उन्हें ज्यादा दुविधा नहीं हुई क्योंकि यह राष्ट्रहित में था। उनका कहना है कि यह फैसला पुलवामा अटैक से पहले लिया गया।

कांग्रेस ने सेना के वरिष्ठ पूर्व अधिकारी डी एस हुड्डा के नेतृत्व में राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक टास्क फोर्स के गठन का फैसला किया है। यह टास्क फोर्स देश की सुरक्षा के मुद्दे पर विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान गांधी ने टास्कफोर्स की अगुआई की पेशकश की, जिसे पूर्व अफसर ने कबूल कर लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हुड्डा एक्सपर्ट्स की टीम के साथ राय-मशविरा करके विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेंगे। यहां बताना बेहद अहम है कि हुड्डा की निगरानी में ही 2016 में सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पार पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त हुड्डा नॉर्दन कमांड के प्रमुख रहे थे।

हुड्डा का कहना है कि राहुल ने जब यह आइडिया उनके सामने रखा तो उन्हें ज्यादा दुविधा नहीं हुई क्योंकि यह राष्ट्रहित में था। उनका कहना है कि यह फैसला पुलवामा अटैक से पहले लिया गया। राहुल और उनकी मुलाकात इस महीने की शुरुआत में हुई थी। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में हुड्डा ने कहा, ‘हम बाहरी और भीतरी सुरक्षा हालात का जायजा लेंगे और रणनीति तैयार करेंगे, जिसपर अगले 5 साल की हमारी डिप्लोमैटिक और सिक्युरिटी से जुड़ी नीतियां आधारित हो सकती हैं।’ हुड्डा ने यह भी साफ किया कि उनकी ‘फिलहाल’ कांग्रेस जॉइन करने में और चुनाव में खड़े होने की कोई योजना नहीं है। कांग्रेस जॉइन करने की अटकलों को हुड्डा ने सिरे से खारिज किया। पूर्व अफसर के मुताबिक, वह पॉलिसी से जुड़े कुछ विदेशी एक्सपर्ट्स, पूर्व राजनयिकों और पुलिस अफसरों से बातचीत करने की योजना बना रहे हैं। वह इन लोगों को टास्क फोर्स से जुड़ने की दरख्वास्त भी करेंगे।

हुड्डा के मुताबिक, ‘कांग्रेस ने मुझसे पूछा कि क्या मैं इसे करने के लिए इच्छुक हूं। खास तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा। मैंने उनसे मुलाकात की। उन्होंने पूछा कि क्या मैं राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी रणनीति जैसा कुछ तैयार करने के लिए इच्छुक हूं? मैं राजी हो गया।’ हुड्डा ने यह भी कहा कि वह इस मामले से जुड़ी राजनीति को लेकर चिंतित नहीं हैं। उनके मुताबिक, कुछ लोग इसे राजनीतिक एंगल देने की कोशिश करेंगे लेकिन उनके नजरिए से यह राष्ट्रहित का काम है। बता दें कि हुड्डा ने पिछले साल नवंबर में ही “Restructuring the Indian Army” विषय पर अपनी रिपोर्ट एनएसए अजीत डोभाल की अगुअवाई वाले नैशनल सिक्योरिटी अडवाइजरी बोर्ड को सौंपी थी।

उधर, कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी अध्यक्ष के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, ‘एक मजबूत राष्ट्र और मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में कांग्रेस अध्यक्ष ने एक और सकारात्मक कदम उठाया है। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) हुड्डा के अनुभव से देश को दूरगामी लाभ होगा।’ बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हुड्डा का एक बयान काफी सुर्खियों में रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस घटना को थोड़ा ज्यादा ही हाईप दिया गया और थोड़ा राजनीतिकरण हो गया। हुड्डा ने यह भी कहा था कि सेना के लिहाज से इसको करने की जरूरत थी और उन्होंने उसे बखूबी अंजाम दिया।

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