केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने गुरुवार (27 दिसंबर) को संसद में बताया कि मई 2014 में पद संभालने के बाद से केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में कुल 5245.73 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह धनराशि वर्ष 2014 से लेकर सात दिसंबर 2018 तक की अवधि के दौरान खर्च हुई है।
कार्यभार संभालने के पहले वर्ष में मोदी सरकार ने विज्ञापन पर 979.78 करोड़ रुपये खर्च किए। जिसमें प्रिंट (समाचार पत्रों) पर 424.84 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रॉनिक और ऑडियो विजुअल विज्ञापनों पर 473.67 करोड़ रुपये और आउटडोर प्रचार पर 81.27 करोड़ रुपये शामिल थे।
अगले वर्ष में, विज्ञापनों पर खर्च की गई राशि बढ़कर 1160.16 करोड़ रुपये हो गई। इसमें प्रिंट विज्ञापनों पर खर्च किए गए 508.22 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रोनिक और ऑडियो विजुअल पर 531.60 करोड़ रुपये और आउटडोर प्रचार पर खर्च किए गए 120.34 करोड़ रुपये शामिल थे।
सरकारी विज्ञापनों पर खर्च किए गए पैसे अगले दो वर्षों में क्रमशः 1264.26 करोड़ रुपये और 1313.57 करोड़ रुपये 2016-17 और 2017-18 में खर्च हुए। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल अप्रैल से सात दिसंबर तक 527.96 करोड़ रुपये खर्च किए।
लोकसभा में इस मामले से जुड़े एक सवाल का जवाबा देते हुए राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं को लाभार्थियों के बीच पहुंचाने के लिए इस राशि को खर्च किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबुक, राठौड़ ने कहा कि I&B मंत्रालय के तहत ब्यूरो ऑफ़ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (BOC), इन योजनाओं और कार्यक्रमों के संबंध में IEC अभियानों का संचालन मंत्रालयों और विभागों के साथ मिलकर करता है।
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