देश के नामी संस्थानों में शुमार दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में दाखिले लेने के इच्छुक देशभर के लाखों छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। आगामी सत्र यानी 2019 से ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए इच्छुक छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा देनी होगी, इस तरह के प्रस्ताव पर तेजी से चर्चा है और इसके लागू होने के भी आसार हैं। अब तक डीयू में एडमिशन लेने के लिए 12वीं में मिले मार्क्स के आधार पर बनी मेरिट पर छात्र-छात्राओं का दाखिला होता था। नियम बदलने से देशभर के छात्र-छात्राएं प्रवेश परीक्षा में शामिल होकर डीयू में दाखिला ले सकते हैं। डीयू के वाइस चांसलर योगेश त्यागी के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय इसे 2019 के सत्र से लागू करने की योजना बना रहा है। इसके बारे में अभी विस्तृत और स्पष्ट योजना तैयार नहीं की गई है, लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, डीयू पर प्रवेश परीक्षा कराने का नैतिक दबाव भी बढ़ रहा है। डीयू में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले की मांग लंबे समय से उठाई जाती रही है। इसके पीछे वजह यह है कि दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMIU) में भी एडमिशन प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही होता है। ऐसे में यह मांग लंबे समय से की जा रही थी।मांग के साथ लंबे समय से ये योजना अधर में भी लटकी हुई बताई जा रही है, लेकिन अब ताजा खबर के मुताबिक इसे अगले सत्र से लागू किया जा सकता है। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए मार्क्स के आधार दाखिला होता है। अब तक दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन पाने के लिए कक्षा 12वीं के मार्क्स महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसमें बेस्ट फोर के मार्क्स के आधार पर मेरिट बनती है और फिर एडमिशन दिया जाता है। हालांकि, पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेज में दाखिलों के लिए प्रवेश परीक्षा होती रही है, लेकिन डीयू में ग्रेजुएशन में भी प्रवेश परीक्षा का नियम क्रांतिकारी साबित होगा। आर्ट्स, ह्युमैनिटीज़ के लिए और साइंस के कोर्स के लिए अलग-अलग कट-ऑफ लिस्ट निकाली जाती है।
दाखिले की प्रक्रिया के दौरान कॉलेज छात्र की 12वीं के नतीजों के आधार पर कट-ऑफ लिस्ट निकालते हैं। इसके लिए ‘बेस्ट-4’ यानी छात्र के किन्ही 4 सब्जेक्ट, जिनमें उसे सर्वाधिक अंक आए हैं, उसकी गणना करता है।
बी-टेक, बीएमएस, बीए (ऑनर्स) इकोनॉमिक्स और बीबीए आदि के लिए विश्विद्यालय प्रवेश परीक्षा भी आयोजित कर सकता है।
हर कॉलेज में 5 फीसदी सीट स्पोर्ट्स और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज़ कोटा के लिए आरक्षित होती है। छात्राएं नॉन कॉलेजियेट वूमन एजुकेशन बोर्ड (NCWEB), डीयू के तहत भी दाखिला ले सकती हैं जहां कई स्टडी सेंटर्स पर महिलाओं के लिए वीकेंड पर कक्षाएं आयोजित की जाती हैं।
नॉन कॉलेजियेट वूमन एजुकेशन बोर्ड (NCWEB), डीयू बीए (प्रोग्राम) और बी कॉम में स्नातक पाठ्यक्रम उपलब्ध करता है।
जिन छात्रों के 12वीं में कम अंक आते हैं, वे यूनिवर्सिटी की स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में भी दाखिला ले सकते हैं। नया नियम लागू हुआ तो जो छात्र 12वीं कक्षा पास कर चुके हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई के लिए प्रवेश पाना चाहते हैं तो उन्हें अब इसके लिए प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। ये नया बदलाव छात्रों को लिए जरूर झटका देने वाला हो सकता है, लेकिन व्यापक स्तर पर देखा जाए तो यह मेरिट की तुलना में बेहतर है।
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