किसान एक बार फिर मोदी सरकार से अपना हक लेने के लिए दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं।किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। अखिल भारतीय किसान सभा ने मंगलवार को आयोजित बैठक में किसानों की कर्जमाफी पर पीएम मोदी की टालमटोल के विरोध में 8 और 9 जनवरी को ‘ग्रामीण भारत बंद’ का ऐलान किया।
एआईकेएस के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा कि एआईकेएस के ग्रामीण भारत बंद का भूमि अधिकार सभा (बीएएस) ने समर्थन किया है। यह संगठन गरीब किसानों को खेती के लिए जमीन मुहैया कराने की मांग कर रहा है।
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनान मोल्ला ने कहा, “यहां अखिल भारतीय किसान संघ समन्वय समिति के तहत सभी संगठन भाग ले सकते हैं। जैसा की 29-30 नवंबर को रामलीला मैदान में किसानों का आंदोलन हुआ था, ठीक उसी तरह से यह आंदोलन होगा।”
मोदी सरकार में किसान अपनी मांगों को लेकर कोई पहली बार सड़कों पर नहीं उतर रहे हैं। मोदी सरकार के साढ़े 4 साल में किसान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं। बीते एक साल की बात करे तो देश की राजधानी में ही किसानों की पांच बड़ी रैलियां हुईं। लेकिन किसानों को सिवाए आश्वासन के अलावा अभी तक कुछ भी हासिल नहीं हुआ है।
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