कांग्रेस के संपर्क में हैं कुशवाहा, मिल सकते हैं राहुल से

रालोसपा अध्यक्ष कुशवाहा ने बिहार में एनडीए का चेहरा करार दिए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमला बोल रखा है। गुरुवार को उन्होंने बिहार के मोतिहारी में अपनी पार्टी के खुले अधिवेशन में नीतीश कुमार और उनकी अगुआई वाली सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रस्ताव पारित किया है।

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) दलों के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे से नाराज चल रहे केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर जल्द ही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) का हिस्सा बन सकते हैं। वे कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं और अगले सप्ताह संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले उनकी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की संभावना है। रालोसपा अध्यक्ष कुशवाहा ने बिहार में एनडीए का चेहरा करार दिए गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमला बोल रखा है। गुरुवार को उन्होंने बिहार के मोतिहारी में अपनी पार्टी के खुले अधिवेशन में नीतीश कुमार और उनकी अगुआई वाली सरकार को उखाड़ फेंकने का प्रस्ताव पारित किया है। वे बढ़ते अपराध और सांप्रदायिक घटनाओं के मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेर रहे हैं। साथ ही, कुशवाहा और उनकी पार्टी भाजपा को भी आड़े हाथों ले रही है। पार्टी ने अपने एक प्रस्ताव में कहा है कि हर बार चुनाव के समय ही भाजपा को राम मंदिर की बात याद आती है। इसमें यह भी कहा गया कि किसी राजनीतिक दल का काम मंदिर-मस्जिद बनाना नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं को सुनना और उनका समाधान करना है।

पार्टी ने भाजपा व एनडीए से अलग लाइन ली है। बतौर राज्यसभा सांसद कुशवाहा वर्ष 2011 में कांग्रेस की अगुआई वाली केंद्र की यूपीए सरकार के पक्ष में एक बार मतदान कर भी चुके हैं। कांग्रेस के बिहार के प्रभारी सचिव राजेश लिलोठिया ने कहा कि अगर उपेंद्र कुशवाहा एनडीए छोड़कर यूपीए में आते हैं तो कांग्रेस उनका स्वागत करेगी। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया रामविलास पासवान के स्वागत के लिए कांग्रेस कतई तैयार नहीं है। कुशवाहा के यूपीए में शामिल होने की उनकी शर्तों को लेकर उनकी दो-तीन दौर की बातचीत भी पार्टी नेताओं से हो चुकी है। अब तक तय कार्यक्रम के अनुसार, आगामी 11 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले कुशवाहा की मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से हो सकती है। उसके बाद उनका यूपीए में आना का रास्ता साफ हो सकता है।

इस बीच कुशवाहा के साथी रहे और बाद में उनसे रास्ता अलग कर रालोसपा (सेकुलर) बनाने वाले जहानाबाद के सांसद प्रो अरुण कुमार ने पूछने पर स्वीकार किया कि उनकी भी कांग्रेस नेताओं से बातचीत चल रही है। अगर सम्मानजनक बात हुई तो वे भी यूपीए की ओर आ सकते हैं क्योंकि एक बात तय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी नहीं बनने वाली। कुशवाहा को लेकर उन्होंने कहा कि अब उनको ही दो टूक निर्णय करना है कि वे इधर रहेंगे कि उधर जाएंगे।

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