जनार्दन रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने ईडी के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी। रेड्डी ने 600 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में शामिल कंपनी ऐम्बिडेंट मार्केटिंग और उसके मालिक अहमद फरीद को ईडी की जांच से बचाने के लिए 18 करोड़ रुपये का सौदा किया था।
बेंगलुरु क्राइम ब्रांच ने बीजेपी के पूर्व मंत्री और कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया है। रेड्डी को गिरफ्तर करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने रेड्डी को 24 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
Janardhan Reddy who was arrested by Bengaluru Central Crime Branch, in connection with Ambident Group alleged bribery case has been sent to judicial custody till November 24
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— ANI Digital (@ani_digital) November 11, 2018
कोर्ट में जनार्दन रेड्डी की ओर से एक जमानत याचिका भी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है। रेड्डी के वकील ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी।
Today Janardhan Reddy was produced before the Judge & the Court was pleased to accept our bail application on record. Judge has granted time till tomorrow to file objection on the main bail application & the application will be taken tomorrow: Janardhan Reddy's Lawyer. #Karnataka pic.twitter.com/MpKxUaJyQ2
— ANI (@ANI) November 11, 2018
शनिवार को पूछताछ के लिए रेड्डी क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे थे। ऐम्बिडेंट ग्रुप रिश्वतखोरी मामले में पुलिस उन्हें काफी दिनों से तलाश कर रही थी। बताया जा रहा था कि वह फरार हो गए थे। हालांकि पुलिस के सामने पेश होने से पहले एक वीडियो बयान जारी कर रेड्डी ने कहा था कि वे कहीं भागे नहीं हैं। उन्होंने अपने वीडियो बयान में कहा था कि पुलिस की ओर से मुझे नोटिस मिला है, इसलिए मैंने क्राइम ब्रांच में पेश होने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा था कि मैं यह वीडियो बयान इस लिए जारी कर रहा हूं ताकि लोग सच्चाई जान सकें। रेड्डी ने कहा था कि मुझे पुलिस पर पूरा भरोसा है, वह बिना राजनीतिक दबाव के अपना काम करेगी।गौरतलब है कि कि बीजेपी के पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी पिछले तीन दिनों से गायब थे। उनके ऊपर भाष्टाचार के कई आरोप हैं। वे तीन साल जेल में भी बिता चुके हैं। रेड्डी 2015 से जमानत पर हैं।
ये है पूरा माला:जी जनार्दन रेड्डी पर आरोप है कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने 600 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में शामिल कंपनी ऐम्बिडेंट मार्केटिंग और उसके मालिक अहमद फरीद को ईडी की जांच से बचाने के लिए 18 करोड़ रुपये का सौदा किया था।
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