राम मंदिर पर फारुक अब्दुल्ला का BJP पर निशाना: वोट देने भगवान राम या अल्लाह नहीं आएंगे, जनता ही आएगी

नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण (Ram temple in Ayodhya) के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. फारूक अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनाव जीतने में भगवान मदद नहीं करते हैं, बल्कि चुनाव में वोट जनता को ही देना है. बता दें कि संघ की ओर से लगातार राम मंदिर पर बयान आ रहे हैं. वहीं बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने भी राम मंदिर को लेकर कोर्ट की मंशा पर सवाल उठाया है और कहा है कि कोर्ट के पास राम मंदिर के लिए फुर्सत नहीं है.

जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि ‘वे (BJP) सोचते हैं कि आम चुनाव 2019 का चुनाव उन्हें भगवान राम जिता देंगे… चुनाव जीतने में भगवान उनकी मदद नहीं करेंगे, क्योंकि वोट जनता को देना है, न भगवान राम वोट देंगे, न अल्लाह वोट देने आएंगे…”

इससे पहले बीजेपी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा है कि वह संसद में प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे. इसके लिए राकेश सिन्हा ने विपक्षी दलों के नेताओं को चैलेंज किया है कि वे उनके बिल का समर्थन करें. उन्होंने राहुल गांधी, लालू यादव, मायावती और कई नेताओं को ट्वीट में टैग कर पूछा है कि अगर वे राम मंदिर पर बिल लाते हैं तो क्या वे लोग उनका समर्थन करेंगे?

कांग्रेस विधायक रोशन बेग ने कहा, “लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐस में सरकार राम मंदिर पर एक अध्यादेश लाने की तैयारी में है, अगर अब वे अध्यादेश लाने की बात कर रहे हैं तो वे साढ़े चार सालों से क्या कर रहे थे। वे हिंदू-मुस्लिम के बीच दरार पैदा करना चाहते हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों, जीएसटी और नोटबंदी से लोग नाराज हैं। यही वजह है कि बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे को उठा रही है।”

बेग ने आगे कहा, “मुस्लिम राम मंदिर बनने के खिलाफ नहीं हैं, अगर राम मंदिर भारत में नहीं बनेगा तो क्या पाकिस्तान में बनेगा। राम मंदिर भारत में ही बनेगा। मामला अदालत में लंबित है। हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।”इस बीच शिवसेना का एक बार फिर राम मंदिर के मुद्दे पर बयान आया है। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, “25 नवंबर को उद्धव ठाकरे अयोध्या जाएंगे, इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वे वहां मोदी जी और बीजेपी को यह याद दिलाने जा रहे हैं कि राम मंदिर को बनवाने की जरूरत है। अगर हम कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे तो इसे बनवाने में एक हजार साल और लग जाएगा।”

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि अगले साल जनवरी से उचित पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी. इसके बाद विवादित स्थल पर मंदिर के जल्द निर्माण के लिए कानून बनाए को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और आरएसएस के भीतर से मांग उठने लगी है. कांग्रेस कह चुकी है कि सभी पक्षों को न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए.

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