राफेल विमान मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से 10 दिनों में जानकारी मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह राफेल डील के मूल्य निर्धारण विवरण और राफेल जेट की लागत के बारे 10 दिनों में सीलबंद लिफाफे में जानकारी दे.
न्यूज18 के मुताबिक कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा, एक हलफनामा दिया जाए जिसमें इस बात का जिक्र हो कि फ्रांस की डिफेंस डील को कोर्ट के साथ भी साझा नहीं किया जा सकता. इसके अलावा बाकी जानकारी को एक सीलबंद लिफाफे में दिया जाए. केंद्र सरकार को भारतीय ऑफसेट पार्टनर्स की जानकारी भी सीलबंद लिफाफे में देनी होगी.
सरकार से कोर्ट ने यह भी कहा है कि उन जानकारियों को उपलब्ध कराएं जिन्हें याचिकाकर्ताओं के सामने पब्लिक डोमेन में रखा जा सके. हमे राफेल सौदे से जुड़ी तकनीकी जानकारी नहीं चाहिए. इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.
केंद्र सरकार ने राफेल विमान सौदे की निर्णय प्रक्रिया का पूरा विवरण बीते शनिवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने ही केंद्र से निर्णय प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत जानकारी साझा करने की मांग की थी.
कुछ दिनों पूर्व ही राफेल डील को लेकर वकील प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इसमें कोर्ट से सीबीआई जांच की निगरानी करने का आग्रह किया है.
इससे पहले कांग्रेस ने भी राफेल पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस का कहना है कि आलोक वर्मा राफेल डील के कागजात इकट्ठा कर रहे थे इसलिए उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेजा गया.
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