भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की एक जनसभा विवादों में घिर गई है। बेटियों के लिए बड़े बड़े दावे करने वाली भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली के दौरान महिलाओं और युवतियों के अंडरगारमेंट तक चेक किए गए। सुरक्षा के नाम पर की गई इस हरकत से रैली में आईं महिला और युवतियों को काफी शर्मिंदा होना पड़ा। रैली में काले झंडे न पहुंचे इसके लिए पुलिस ने युवतियों के काले कु्र्ते पायजामे, काली साड़ी, चुनरी और दुपट्टा उतरवा दिए। अमित शाह एक दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ के चरौदा में आयोजित महिला महासम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे। सुरक्षा व्यवस्था में तैनात महिला पुलिस कर्मियों ने कार्यक्रम में पहुंच रही महिलाओं के काले रंग के सभी वस्त्रों को चेक किया। खबरों के मुताबिक, शाह की रैली में काले झंडे न दिखाए जाएं इसलिए महिलाओं के कपड़े उतरवाकर चेक किए गए।
महिला महा सम्मेलन में आए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सुरक्षा के नाम पर युवतियों और महिलाओं के साथ हुई इस अशोभनीय हरकत से बीजेपी चौतरफा हमले झेल रही है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नेता किरणमयी नायक ने कहा कि अभी तक तो युवकों के मोजे और बेल्ट उतरवाए जा रहे थे। यह हरकत बेटियों के सबसे बड़े हिमायती होने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार की मानसिकता घटिया स्तर को दर्शाती है। कांग्रेस के अलावा आप नेताओं ने भी इस हरकत के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध-प्रदर्शन किया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बेटी बढ़ाओ, बेटी पढ़ाओ की जगह बेटियों को अब भाजपा वालों से बचाओ का नारा चल रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता-मंत्री रेपिस्ट को संरक्षण देते हैं। इनसे उम्मीद करना बेईमानी है। उधर, इस जनसभा में अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वो बहू-बेटी की इज्जत से खेल रहे हैं और घर-घर अस्लील सीडी बंटवा रहे हैं। बता दें कि अगले महीने राज्य में विधान सभा चुनाव हैं। इस लिहाज से दोनों प्रमुख पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
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