अमेरिका में जब एक कैदी को फांसी की सजा सुनाई गई तो वहां के कुछ वैज्ञानिकों ने सोचा कि क्यों न इस कैदी पर कुछ प्रयोग किया जाए। तब कैदी को बताया गया कि हम तुम्हें फांसी देकर नहीं लेकिन जहरीला कोबरा सांप डसाकर मारेंगे।
उसके सामने बड़ा सा जहरीला सांप ले आने के बाद कैदी की आंखे बंद करके कुर्सी से बांधा गया और उसको सांप नहीं बल्कि दो सेफ्टी पिन्स चुभाई गई। कैदी की कुछ सेकेन्ड में ही मौत हो गई, पोस्टमार्टम के बाद पाया गया कि कैदी के शरीर में सांप के जहर के समान ही जहर है।
अब ये जहर कहां से आया जिसने उस कैदी की जान ले ली, वो जहर उसके खुद शरीर ने ही सदमे से उत्पन्न हुआ था। हमारे हर संकल्प से पॉजिटीव एवं निगेटीव एनर्जी उत्पन्न होती है और वो हमारे शरीर में उस अनुसार हॉर्मोन्स उत्पन्न करती है। 75% बीमारियों का मूल कारण नकारात्मक सोंच से उत्पन्न ऊर्जा ही है
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