नियुक्ति पर रार : कर्नाटक प्रोटेम स्पीकर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू

कर्नाटक में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। जेडीएस और कांग्रेस पार्टी के वकीलों ने शुक्रवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने अपील को स्वीकार कर लिया है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह 10:30 बजे सुनवाई होगी।
अपील पर सुनवाई तीन जजों की बेंच करेगी। इस अपील में कांग्रेस के वकील देवदत्त कामत की ओर से कहा गया है कि केजी बोपैया का प्रोटेम स्पीकर के तौर पर नियुक्ति गलत है। अपील में कहा गया है कि इस मामले में एक कनीय विधायक की नियुक्ति असंवैधानिक है। इस मामले में परंपरा के अनुसार वरिष्ठता का ख्याल रखा जाना चाहिए था। कांग्रेस की ओर से याचिका पर बहस करते हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि व्यक्तिगत नियुक्ति सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य होना चाहिए। यही नियम संसद में भी अपनाया जाता है। प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के विरोध में अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल कांग्रेस और जेडीएस की ओर से बहस करेंगे। वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी भी रहेंगे मौजूद। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के साथ अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल और एसीजी तुषार मेहता प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के पक्ष में बहस करेंगे। इस अपील में यह भी मांग की गई है कि 19 मई को होने वाली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सिर्फ विधायकों के शपथ ग्रहण और फ्लोर टेस्ट ही हो। यह भी मांग की गई है कि पूरे कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग और उसकी प्रति सुप्रीम कोर्ट को पेश की जाए। कांग्रेस के संचार प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केजी बोपैया के बारे में सुप्रीम कोर्ट कई टिप्पणियां कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट के 13 मई 2011 के आदेश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर केजी बोपैया ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया था।

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