वो कहानी, जिसके बाद सचिन तेंदुलकर ने एमएस धोनी में देखा था भविष्य का लीडर

क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर को आज भी भगवान कहा जाता है। कारण- बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ वह क्रिकेट की अच्छी समझ रखते हैं। यही वजह है कि तेंदुलकर ने महेंद्र सिंह धोनी के शुरुआती दिनों में उन्हें परख लिया था।

क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर को आज भी भगवान कहा जाता है। कारण- बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ वह क्रिकेट की अच्छी समझ रखते हैं। यही वजह है कि तेंदुलकर ने महेंद्र सिंह धोनी के शुरुआती दिनों में उन्हें परख लिया था। सचिन समझ गए थे कि यह आने वाले कल में भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करेगा। हाल ही सचिन में इस बात का खुलासा एक इंटरव्यू में किया। उन्होंने वह कहानी बताई, जिसके जरिए उन्हें धोनी में भविष्य का लीडर नजर आ गया था।

हुआ यूं कि गौरव कपूर ने बीते दिनों तेंदुलकर से ‘ब्रेकफास्ट विथ चैंपियंस’ कार्यक्रम के लिए बातचीत की थी। तेंदुलकर ने इस दौरान अपने क्रिकेट के पुराने दिनों की शानदार यादों को फिर से ताजा किया। इंटरव्यू के बीच में धोनी से जुड़ा रोचक किस्सा भी निकल कर आया। शो के होस्ट गौरव ने पूछा कि धोनी के बतौर कप्तान चुने जाने के पीछे आपकी अहम भूमिका रही है। यह बात खुद माही भी स्वीकार चुके हैं। आपने शुरुआती दिनों में उनमें ऐसा क्या देखा, जिससे आपको लगा कि वह कप्तान बनने लायक हैं?

जवाब में तेंदुलकर बोले, “मैं जब भी स्लिप पर फील्डिंग करता था, तब मैं लगातार उनसे (धोनी) से फील्डिंग पोजीशंस को लेकर चर्चा करता रहता था। मैं सुझाव देता था, जिस पर वह अपनी बात रखते थे और उसी बातचीत के दौरान मुझे समझ में आ गया था कि वह अलग तरह से सोच रहा है।”

गौरव इसके बाद मजाकिया लहजे में बोले, “एमएस को पता ही नहीं था कि उस वक्त असल में उसका जॉब इंटरव्यू चल रहा था।” याद दिला दें कि धोनी को साल 2007 में भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था। वह तब 26 साल के थे। धोनी के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 में आईसीसी वर्ल्ड कप और 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी। यही नहीं, धोनी की सूझबूझ और अच्छे प्रबंधन के कारण भारतीय टीम टेस्ट रैंकिंग में भी शीर्ष पर पहुंची थी।

 

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