जानिए, इस अाइएएस के बारे में जो पर्दे के पीछ से कर रहा पीएम मोदी का सपना साकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में करीब 20,000 स्वच्छाग्रहियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बेहतर स्वच्छता कार्यों को लेकर परमेश्वरन अय्यर की तारीफ भी की। आइए जानते हैं कौन हैं परमेश्वर जी अय्यर जिनकी मोदी ने मंच से तारीफ की…
परमेश्वरन अय्यर एक ऐसे अाइएएस अधिकारी हैं जो परदे के पीछे रह कर पीएम नरेंद्र मोदी के स्‍वच्‍छ भारत बनाने का सपना साकार करने में लगे हैं।
एक ऐसा अधिकारी जो चंद महीनों पहले स्वच्छ भारत अभियान के तहत चल रहे कार्यक्रम के दौरान ऐसे गड्ढे में उतर कर सफाई की जो शौच के लिए इस्तेमाल होता था। ये एक ऐसा उदाहरण था जिसने पीएम मोदी तक को खुश कर दिया। पीएम ने अपने मन की बात में उनका जिक्र भी किया।हम बात कर रहे हैं परमेश्वरन अय्यर की, जो इस समय ड्रिंकिंग वॉटर एंड सेनिटेशन के सेक्रेट्री हैं। इनका एक ही मिशन है पूरे देश को खुला शौच मुक्त यानि ओडीएफ बनाना। अय्यर कहते हैं गड्ढे में उतरते वक्त उन्हें जरा भी झिझक महसूस नहीं हुई। बता दें कि अय्यर भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार ने उन्हें पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय में सचिव के तौर पर अमेरिका से वापस बुलाया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि अय्यर ने आइएएस के तौर पर भारत में नौकरी की और बाद में अमेरिका चले गए। अमेरिका में वो आराम की जिंदगी जी रहे थे, लेकिन फिर भी वो भारत आए और उन्होंने स्वच्छता के लिए काम किया।परमेश्वर अय्यर यूपी काडर के आइएएसअधिकारी हैं। जब मोदी सरकार ने उन्‍हें ये अहम जिम्मेदारी सौंपी तो अपने कमरे में अय्यर ने एक बोर्ड पर तीन पंक्तियों में आंकड़े लिखे। जो उनके कमरे में आता है उससे वो उनसे इनका मतलब पूछते हैं।इन्ही आंकड़ों में छिपा है उनका मिशन। पहली लाइन में लिखा है कि उन्हे कितने दिनों के लिए इस पद पर रहना है। दूसरी लाइन में लिखा है कितने दिन बचे हैं। और तीसरी लाइन है कितने गांव ओडीएफ घोषित हो गए।
हर रोज ये आंकडे बदलते हैं। 55000 से शुरुआत कर अब ये आंकड़ा 1,95,000 गांवों तक आ पहुंचा है। मिशन मोड में चल रहे अय्यर मानते हैं कि सवाल कई उठते हैं कि पानी तो है नहीं, कहीं दरवाजे नहीं हैं तो भी कार्यक्रम सफल कैसे होगा। लेकिन दावा है कि जागरुकता आ गई है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे।बिहार, यूपी, ओडिशा औऱ जम्मू कश्मीर को विभाग ने रेड जोन में रखा है। इनमें से बिहार ओडीएफ बनने की दिशा में सबसे पीछे है। अय्यर मानते हैं पूरा देश बदलने में वक्त लगेगा। लेकिन इतना तो साफ है कि पहली बार देश में किसी पीएम ने स्वच्छता को प्राथमिकता दी है। इसके दूरगामी परिणाम आने तय हैं।

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